दीपावली का महत्व
दीपावली, जिसे दीपों का त्योहार कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख और सबसे प्रिय पर्व है। यह त्योहार केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। दीपावली का पर्व अंधकार पर प्रकाश, असत्य पर सत्य और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है।
हर वर्ष दीपावली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।
 2025 में दीपावली 2 दिन ( 20 अक्टूबर दिन सोमवार एवं 21  अक्टूबर दिन मंगलवार ) को मनाई जाएगी 
 इस दिन लोग अपने घरों को दीपों और रोशनी से सजाते हैं, मिठाइयाँ बांटते हैं और परिवार व मित्रों के साथ इस आनंदमय पर्व का उत्सव मनाते हैं।
 मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा इस दिन विशेष रूप से की जाती है ताकि जीवन में समृद्धि, सुख और सौभाग्य आए।
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दीपावली 2025 की अमावस्या और लग्न मुहूर्त
इस बार दीपावली 20 और 21 अक्टूबर दोनों दिन मनाई जाएगी।
 क्योंकि अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर की दोपहर 2:54 PM से शुरू होकर
 21 अक्टूबर की शाम 5:54 PM पर समाप्त होगी।
इसलिए—
- जो लोग अमावस्या की रात्रि लग्न और चौघड़िया के अनुसार लक्ष्मी पूजन करते हैं, वे 20 अक्टूबर को पूजन करेंगे।
- जो उदय तिथि अमावस्या को मानते हैं, वे 21 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन करेंगे।
- लक्ष्मी पूजन 21 अक्टूबर को 5:54 PM से पहले करना शुभ रहेगा, क्योंकि उसके बाद अमावस्या समाप्त हो जाएगी।
लक्ष्मी पूजन लग्न मुहूर्त (20 और 21 अक्टूबर 2025)
- दोपहर 2:58 PM से शाम 4:26 PM – कुंभ लग्न
- शाम 7:29 PM से रात 9:25 PM – वृषभ लग्न
- रात 9:00 PM से सुबह 4:16 AM – सिंह लग्न
दीपावली का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
दीपावली का संबंध भगवान श्रीराम की अयोध्या वापसी से जुड़ा है।
 14 वर्ष के वनवास और रावण पर विजय के बाद जब श्रीराम लौटे, तब अयोध्या को दीपों से सजाया गया। तभी से यह दिन प्रकाश और विजय का प्रतीक बन गया।
इसके अतिरिक्त, यह दिन माता लक्ष्मी के सागर मंथन से प्रकट होने का भी स्मरण कराता है।
 इसीलिए इस दिन धन, वैभव और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से दीपावली के शुभ उपाय
दीपावली की रात्रि ग्रहों और नक्षत्रों की दृष्टि से अत्यंत शक्तिशाली मानी जाती है। इस समय किए गए उपाय जीवन में शुभ फल देते हैं।
1. ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार उपाय
- शनि अशुभ हो तो शनि देव की आराधना करें और काले तिल का दान करें।
- राहु-केतु दोष के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
2. श्री लक्ष्मी पूजन के विशेष उपाय
- देवी को खीर या मालपुआ का भोग लगाएं।
- चांदी का सिक्का या श्रीयंत्र स्थापित करें।
- “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
3. दीप प्रज्ज्वलन
हर कोने में दीप जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक शक्ति आती है।
4. क्रिस्टल और अंक विज्ञान का उपयोग
एस्ट्रो टीना के अनुसार —
- क्लियर क्वार्ट्ज: शुद्ध ऊर्जा के लिए
- अमेथिस्ट: मानसिक शांति के लिए
- ग्रीन एवेंचुराइन: धन और अवसर आकर्षित करने के लिए
वास्तु और आध्यात्मिक उपाय
- घर के मुख्य द्वार पर आम की पत्तियों का तोरण लगाएं।
- गुलाब जल या गंगाजल का छिड़काव करें।
- तुलसी या मनी प्लांट लगाएं।
- जरूरतमंदों को दान करें।
- “ॐ श्रीं श्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जाप करें।
दीपावली की पूजा विधि
- घर की सफाई और सजावट करें।
- लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें।
- पहले गणेश जी, फिर लक्ष्मी जी की पूजा करें।
- आरती और मंत्र जाप के बाद प्रसाद वितरित करें।
- घर के बाहर और मंदिर में दीप जलाएं।
एस्ट्रो टीना की प्रेरणा और दिवाली का आध्यात्मिक संदेश
एस्ट्रो टीना का मानना है कि दिवाली केवल बाहरी रोशनी का पर्व नहीं, बल्कि यह आंतरिक प्रकाश को जाग्रत करने का अवसर है।
 ज्योतिष, क्रिस्टल और अंक विज्ञान के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में संतुलन, समृद्धि और आत्मिक शांति प्राप्त कर सकता है।
निष्कर्ष
दीपावली केवल उत्सव नहीं, बल्कि यह सकारात्मकता, प्रेम और आत्मिक विकास का प्रतीक है।2025 की दिवाली 18 से 23 अक्टूबर तक मनाई जाएगी, जिसमें मुख्य दिन 21 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा का होगा।अंधकार से प्रकाश की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर – यही दीपावली का सच्चा संदेश है।इस दीपावली पर अपने घर के साथ अपने हृदय को भी प्रकाशित करें और नई शुरुआत का संकल्प लें। यदि आप इस शुभ पर्व पर अपने जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य बढ़ाना चाहते हैं, तो किसी Astrologer near me से ज्योतिषीय परामर्श अवश्य लें और शुभ उपायों से अपने जीवन को आलोकित करें।
 
								