Planet Power

बसंत पंचमी साल2024

वसंत पंचमी एक त्योहार है जो हिंदू चंद्र माह माघ (पश्चिमी कैलेंडर में जनवरी-फरवरी) के पांचवें दिन पड़ता है जो सर्दियों के अंत और वसंत के आगमन की शुरुआत का प्रतीक है। भारत में “सभी ऋतुओं के राजा” के रूप में जाना जाने वाला वसंत न केवल सर्दियों की ठंड से राहत दिलाता है, बल्कि यह वह समय भी है जब सरसों की फसल पीले रंग के फूल खिलती है, एक रंग जो ज्ञान, प्रकाश, ऊर्जा, समृद्धि का प्रतीक है। इसलिए इसे नए उद्यम शुरू करने, जैसे शादी करना, घर खरीदना या नौकरी शुरू करने के लिए शुभ समय माना जाता है। आइए जानते हैं मुंबई के ज्योतिषाचार्य Astrotina से विस्तार में 

 

Basant Panchami 2024 – दरअसल, इस वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 तारीख को शुरू हो जाएगी, जिसका समय दिन के दो बजकर 41 मिनट है. यह 14 फरवरी को लगभग 12 बजकर 10 मिनट के करीब समाप्त हो जाएगा. ऐसे में उदया तिथि 14 फरवरी होने के कारण इस साल वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा 14 तारीख को होगी.

 

वसंत पंचमी 2024 पर पूजा का शुभ मुहूर्त | Basant Panchami 2024 par pooja/puja ka Shubh Muhurat

14 फरवरी को वसंत पंचमी के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक होगा। इस दिन पूजा के लिए आपके पास करीब 5 घंटे 35 मिनट का समय होगा।

 

वसंत पंचमी की पूजा विधि | Vasant Panchami Ki Pooja Vidhi

वसंत पंचमी के दिन, प्रात: को स्नान आदि करके पीले या सफेद रंग के वस्त्र पहनें। उसके बाद, सरस्वती पूजा का संकल्प लें।

पूजा स्थल पर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मां सरस्वती को गंगाजल से स्नान कराएं और फिर उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं। इसके बाद, पीले फूल, अक्षत, सफेद चंदन या पीले रंग की रोली, पीला गुलाल, धूप, दीप, गंध आदि समर्पित करें।

इस दिन, सरस्वती माता को गेंदे के फूल की माला पहनाएं और साथ ही पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।

इसके बाद, सरस्वती वंदना एवं मंत्र के साथ मां सरस्वती की पूजा करें।

आप चाहें तो पूजा के समय सरस्वती कवच का पाठ भी कर सकते हैं। अंत में, हवन कुंड बनाएं और हवन सामग्री तैयार करें, फिर “ओम श्री सरस्वत्यै नमः: स्वहा” मंत्र की एक माला का जाप करते हुए हवन करें।

अंत में, खड़े होकर मां सरस्वती की आरती करें।

 

इस दिन लोग नया काम शुरू करते हैं, शादी करते हैं, गृह प्रवेश और नया व्यवसाय शुरू भी आज के दिन उत्तम माना जाता है।

बसंत पंचमी (Basant Panchami) का प्रतीक पीला रंग है, जो देवी सरस्वती का पसंदीदा रंग है। इसलिए मां सरस्वती के भक्त पीले रंग की पोशाक पहनते हैं। इसके अलावा, पीला रंग सरसों की फसल की कटाई के समय को दर्शाता है। ‘बसंत’ मनाने के लिए पारंपरिक व्यंजन तैयार किए गए और सभी के बीच वितरित किए गए। पीला रंग शांति, समृद्धि और ऊर्जा का प्रतीक है। यह हर किसी को आशावाद से भर देता है। बसंत पंचमी को पूरी धूमधाम से मनाने के लिए पारंपरिक पीले कपड़े और पीले रंग का भोजन तैयार किया जाता है। जिसमे पीले चावल का काफी महत्व है।

 

मां सरस्वती विद्या, ज्ञान, संगीत और कला की देवी हैं। इनकी कृपा जिस व्यक्ति पर होती है उसे संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में खूब सफलता मिलती है। मां सरस्वती की पूजा करने से अज्ञानी में भी ज्ञान का दीप जल उठता है। वसंत पंचमी के दिन से छोटे बच्चों को शिक्षा देने की शुरुआत भी की जाती है। इसे ‘अक्षर अभ्यासम’ या ‘विद्या आरंभंम’ भी कहा जाता है। छात्रों के लिए यह दिन खास होता है। जिन छात्रों का मन पढ़ाई में नहीं लगता या वो ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते उन्हें वसंत पंचमी के दिन कुछ विशेष उपाय करने चाहिए। यदि आपका बच्चा छोटा है तो माता-पिता बच्चे से ये उपाय करवा सकते हैं। आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में… 

 

बच्चा पढ़ाई से चुराता है जी तो करें ये उपाय 

यदि आपका बच्चा पढ़ाई से जी चुराता है या उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को बच्चे के हाथ से पीले रंग के फल और  पीला फूल अर्पित करवाएं। साथ ही माता सरस्वती का एक चित्र बच्चे के स्टडी टेबल के पास लगाएं। इससे पढ़ाई में उसका मन लगने लगेगा।  

 

इस मंत्र का करें जाप

अगर विद्यार्थी का मन पढ़ाई में नहीं लगता है तो उन्हें वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के मूल मंत्र  ॐ ऎं महासरस्वत्यै नमः का जाप करना चाहिए। इससे लाभ मिलेगा।  

 

बच्चे को बोलने में है समस्या तो करें ये उपाय 

अगर आपके बच्चे की वाणी स्पष्ट नहीं है या बच्चा बोल नही पाता है तो आज के दिन बच्चे की जिव्हा पर केसर की टिक्की लगाएं और मां सरस्वती से प्रार्थना करें के वो आपके बच्चे को स्पष्ट वाणी प्रदान करें।

 

अधिक जानकारी के लिए मुंबई स्थित ज्योतिषी वास्तु शास्त्री एस्ट्रोटिना से संपर्क करें। यहां क्लिक करें  Planet Power By Astro Tina

X