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वास्तु अनुसार घर कैसे बनाएं

वास्तु विज्ञान पर आधारित चीजे आपकी जीवन शैली को करती है संतुलित. जब भी नया घर प्लाट लेकर बनाएं या कोई अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदे…कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए जो आपको आपके वातावरण में संतुलन कायम रखने में सहायक सिद्ध होती है  आजकल बहुत मुशकिल है एक मिडिल क्लास परिवारों का प्रॉपर्टी में निवेश करना क्यों की करोड़ों के इन्वेस्टमेंट के बाद वह प्रॉपर्टी आपको सखुद परिणाम देनी चाहि ए. इसके लि ए आपको प्रॉपर्टी खरीदते समय उसके वास्तु पर विचार अवश्य करना चाहिए क्यों की अगर प्रॉपर्टी वास्तु अनसु ार है तो कुछ ही सालों में सफलता के शिखर पर पहुंचा देगी, वही अगर वास्तुके हिसाब से अनकुूल नहीं है तो आपको जमीन पर ले आयेगी. इसीलिए थोड़े से के चक्कर में बड़ेनकु सान से बचने के लिए. प्रॉपर्टी का वास्तुवि श्लेषण जरूर करवाना चाहिए,

वास्तु शास्त्र का महत्व आपको प्राचीन भारतीय सस्ं कृति में पूर्ण रूप से मिलेगा, जहां ऋषि मुनि से लेकर राजा महाराजा तक वास्तु को मानते थे, जो भी प्राचीन मदिंर और भारतीय सस्ं कृति की धरोहर हैं सब वास्तुशास्त्र पर आधारित है. जो की हमारे जीवन शैली के सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा को संतुलित करते है. वास्तु में पचं तत्व का समावेश हमारी सस्ंकृति और सभ्यता के साथ ही जीवन शैली को भी संतुलित करता है. प्लाट पर घर बनाते समय वास्तुशास्त्र के नियमानुसार अगर हम अपने घर, फ्लैट , मकान का निर्माण करते है तो यह हमारे जीवन में सुख शांति के साथ जीवन में सफलता के मार्ग प्रशस्त करता है.

अगर आप भी नई प्रॉपर्टी लेने की सोच रहे हो या प्लाट पर नया मकान बनाने की सोच रहे होतो कुछ वास्तु नियम का पालन जरूर करें. आइए जानते है कुछ महत्वपर्णू वास्तु नियम मबंुई वर्ली से वास्तचार्य एस्ट्रोटीना

घर या फ्लैट खरीदते समय रखे कुछ बातों का ध्यान….

1) जब भी नया प्लाट लेकर घर बनाएं, भूमि के परीक्षण के साथ साथ प्लाट का आकार भी जरूर देखें. कटा, बढ़ा, टेढ़ा, तिरछा यह सब आकर के प्लाट वास्तुशस्त्र में वास्तूदोष से युक्त है. ठीक इसी तरह कोई अपार्टमेंट में फ्लैट लेते समय भी भूमि के आकार का पूर्ण ध्यान रखें. चौकोर और वर्गा कार भूमि सबसे शभु भूमि मानी गई है.

2) वास्तु में दसूरा महत्वपर्णू विषय घर का मुख्यद्वार. प्लाट पर बनाए हुए घर का मुख्यद्वार पर्वू मुखी, उत्तर मुखी और ईशान मुखई उचित माना गया हैं. फ्लैट मे मुख्यद्वार हमारे हिसाब से मिलना जरा मश्किुल होता है. उस स्तिथि में अपनी जन्म कंुडली मे ग्रहों की स्थिति अनुसार मख्ुयद्वार की दिशा का चयन करें.

3) प्लाट पर जब भी घर बनाएं घर के खिड़की दरवाजों की संख्या और खिड़की और बालकनी की दिशा वास्तु अनुसार चयन करें.  खिड़की और दरवाजो की संख्या जहा सम होनी चाहिए. वही खिड़की और बालकनी का ज्यादा से ज्यादा उत्तर दिशा और पर्वू दिशा मे निर्म ण करें. अपार्टमेंट में अगर उचित दिशा मे खिड़की और बालकनी ना हो उस स्तिथि में वास्तु अुनसार उपाय करके दिशाओं को संतुलित करें. बड़ी खिड़की यां और बालकनी दक्षिण दिशा में ना बनवाएं

4) प्लाट पर घर बनाते समय जल निकास और एकत्रित होने का स्थान वास्तु अनुसार होना अत्यंत आवश्यक है नही तो यह एक बहुत बड़े वास्तु दोष को पैदा करता हैं l

घर मे overhead water tank की उचित दिशा= पश्चिम, नैरत्य और वाव्यया कोण हैं.
घर में underground water tank की उचित दिशा=पूर्व , उत्तर और उत्तरपूर्व कोण है. फ्लैट में बने किचन मे नल की उचित दिशाएं पूर्व , उत्तर, उत्तरपूर्व और वाव्यय कोण हैं.

5) घर बनवाते समय ध्यान दे, किचन दक्षिण पूर्व में हो, बठैक उत्तर दिशा मे,पूजा घर ईशान कोण में, घर के मुखिया का कमरा नैरत्य कोण में, टॉयलेट पर्वू दक्षिण पर्वू , दक्षिण दक्षिण पर्वू , पश्चिम उत्तर पश्चिम में. फ्लेट वास्तु हिसाब से अगर आपको नही मिले तो वास्तु अनुसरा दिशाओं को संतुलित करने हेतु वास्तु विधि किसी अच्छे वस्तु विशषेज्ञ से करवाएं

6) घर या फ्लैट में रंगों का चयन वास्तु अनुसार करना बहुत ही महत्व रखता है. रंग हमारे वातावरण में दिशाओं को संतुलित करने में महत्वपूर्ण योग दान रखते है. वही दिशाओं के प्रतिकूल रंगो का चयन मानव जीवन को अस्त व्यस्त करने की क्षमता रखता है.

वास्तु शास्त्र में रंगों का चयन दिशाओं अनुसार

पर्वू = हरा, आसमानी, गोल्डन, भरूा

पश्चिम = ग्रे, डार्कब्लू, काला,सफेद

उत्तर = ब्लू,आसमानी, हरा,ग्रे

दक्षिण = लाल, गुलाबी, पीला, सफेद

वास्तुशास्त्र से संबंधित अधिक जानकारी के लिए हमारी इंस्टाग्राम आईडी planetpower_by_astrotina पर जाएं। वास्तु सेवा के लिए वास्तु आचार्य एस्ट्रोटिना से संपर्क करें।

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