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जानिए दीपावली शुभ मुहूर्त, महत्त्व, कार्य,पूजन और उपाय

Diwali muhrat

12नवम्बर 2023, रविवार, जानिए दीपावली शुभ मुहूर्त, महत्त्व, कार्य,पूजन और उपाय मुंबई के Top astrologer vastu expert Tina by planet power

दीपावाली का महत्त्व हिंदू धर्म में :-हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली इस साल 12 नवंबर 2023 रविवार  को मनाया जाएगा है. कार्तिक माह की अमावस्या को मनाई जाने वाली दीपावली के दिन मां लक्ष्मी का विशेष पूजन गणेश जी और सरस्वती के साथ किया जाता है. दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा प्रदोषकाल, स्थिर लग्न में अत्यंत शुभ मानी जाती है।

मान्यता है इस दिन रात्रि देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं. दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा शुभ मुहूर्त में करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है. आइए जानते हैं दिवाली 2023 का शुभ मुहूर्त

दीपावाली शुभ मुहूर्त और लग्न 

श्रीमहालक्ष्मी दीपमालिका पुजन दि. 12/11/2023 रविवार कार्तिक पदी चौदस उपरान्त आमवश्याम् के मूहर्त इस प्रकार है!

1- सुबह 8:10 से9 :29 चञ्चल

1- सुबह 8:15 से 9:34 वृश्चिक लग्न

2- सुबह 9:29 से 10:47 लाभ

2-दोपहर 1:21से2:50 कुंभ लग्न

3-सुबह 10:48 से दोपहर 12:07 अमृत, शाम 5:52 से रात्री 7:48 वृष लग्न

4)दोपहर 1:26 से 02:45 शुभ  

मध्य रात्री 12:23से 2:40 सिंह लग्न 

(अभिजित मूर्त दोपहर 11:55 से 12:40तक तथा गोधूली बेला शाम 5:30 से 7:30 तक रहेगी यह समय भी महालक्ष्मी पुजन के लिये श्रेष्ठ है।

दिवाली का त्योहार पांच दिन तक मनाया जाता है, इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी, तीसरे दिन दिवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवे दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. हर दिन का अपना अलग महत्व है. पांच दिन तक घर-आंगन में दीप जलाए जाते हैं और खुशियां मनाई जाती है.

आइए जानते हैं दिवाली के बारे में पौराणिक मान्यता:-

दीवाली का त्यौहार सतयुग से मनाया जा रहा है। सतयुग में मां लक्ष्मी और गणेश जी की कृपा प्राप्ति के लिए मनाया जाता था। जिससे पृथ्वी पर धन सम्पदा, सुख समृध्दि बनी रहे। इस लिए आज के  दिन मां लक्ष्मी के पूजन का बडा ही महत्व है।

त्रेता युग में जब भगवान राम रावण को हराकर और चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अपने अयोध्या लौटे तो उनके आने की खुशी में घर घर दिए जलाए गए। इसीलिए आज के दिन हर हिंदू मां लक्ष्मीजी का पूजन और दिए जलाते है। जिससे की दीपावली का यह त्योहार हमारे जीवन में धन सम्पदा, सुख शान्ति, समृद्धि और खुशियां लेके आए। 

दीवाली पूजन सामग्री

धूप, दीप, रोली, मौली, अक्षत, अबीर गुलाल, सुपारी, पान का पत्ता, जनेऊ, कमल गट्टा, खिल, पीली सरसों, पतासे, गुड़, रूई, धनिया, कमल फूल, हार, गन्ना, केला, लौंग इलायची, चांदी का सिक्का, नारियल, आसन, मिट्टी के दिया, सरसो का तेल, घी का तेल, झाडू 

इन चीजों से मां लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन करें।

दीपावाली पर करें कुछ विशेष उपाय

दीवाली पूजन में करे मां लक्ष्मी को इन चीजों से प्रसन्न

कमलगट्टा, कौड़िया, गन्ना, पीली सरसों, केसर, हल्दी की गांठ, गुड से बनी मिठाई, फूल मखाना, लक्ष्मी कमल,

धन हानि रोकने हेतु करें विशेष उपाय।

लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी सदस्यों के ऊपर से  काले तिल सात बार वारा करके उत्तर दिशा में फेंक दें।

दिवाली अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस दिन पीपल k पेड़ पर जल जरुर अर्पित करें।

रात्रि के समय पिपल पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। 

इससे शनि साढ़ेसाती, कालसर्प दोष, पितृदोष जैसे प्रभाव कम हो जाते है।

दिवाली के दिन घर के पांच कोनों में छोटे-छोटे कलश में चावल भरकर रखें और दिवाली के अगले दिन उन कलश को दान कर दें। 

दिवाली के दिन लक्ष्मी या गणेश की प्रतिमा मंदिर में स्थापना करने से जीवन के सभी दुखों का अंत होता है और सफलता मिलती है। 

दिवाली के दिन पान के पत्तों में लौंग रखकर मां लक्ष्मी को चढ़ाएं और फिर घर की पूर्व दिशा में उसे मौली से बांधका लटकाएं।  पान के पत्ते 5 या 7 की गिनती में लेवे।

दिवाली के दिन घर के मुख्य द्वार, मंदिर के आगे और घर की बालकोनी, इन 3 स्थानों पर रंगोली बनाने से घर समृद्ध बनता है। 

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