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28अक्टूबर 2023 को साल का आखिरी chandra ग्रहण

Chandra Grahan 2023: 14 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि पर लगा था. अब 15 दिन बाद 28 अक्टूबर 2023 को शरद पूर्णिमा के दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है, जो भारत में दिखाई देगा.

Mumbai based Top astrologer and Vastu expert Tina ने बताया कि संवत २०८० में भूमंडल पर मात्र एक चन्द्र ग्रहण होगा जो सम्पूर्ण भारत में दिखाई देगा। इस खंडग्रास चन्द्र ग्रहण का स्पर्श समय रात्रि १बजकर १४मिनट, मध्य १बजकर ५१मिनट और मोक्ष २बजकर २८मिनट पर होगा।

इस ग्रहण का सूतक दिनांक 28अक्तूबर 2023 को शाम 4 बजकर 14मिनट से प्रारंभ होगा।

ग्रहण  के सूतक में बाल, वृद्ध और बीमार को छोड़कर बाकी सभी को हो सके तो भोजन नhi  करना चाहिए।

मुंबई मे ग्रहण काल का समय :

सूतक काल  साय=4बजकर03मिनट

ग्रहण प्रारंभ रात्रि=1बजकर03मिनट

मध्य समय=1बजकर40मिनट

मोक्ष समय रात्रि=3बजकर55मिनट

मुंबई वर्ली के ज्योतिषाचार्य टीना ने बताया चन्द्र ग्रहण का सूतक हमेशा 9घंटे  और सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले प्रारंभ हो जाता है।

सूतक काल के दौरान  देव पूजा, अभ्युथन, भोजन, सोना आदि शास्त्रों में वर्जित बताया है। लेकिन बच्चे, बूढ़े, बीमार और गर्भवती स्त्रियों पर यह नियम लागू नई होते।

ग्रहण काल के दौरान कुछ विशेष नियमो का पालन एक गर्भवती स्त्री को जरुर करना चाहिए।

चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा की किरणों अशुद्ध हो जाती हैं इसलिए गर्भवती महिलाओं को भूलकर भी चंद्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए और घर के बाहर भी नहीं निकला चाहिए। इसका नकारात्मक प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर पड़ता है। साथ ही आंखों के लिए भी नुकसानदायक होता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा नहीं देखना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं के चंद्र ग्रहण के समय नुकीली चीजें जैसे- कैंची, चाकू, सुई आदि नोकदार वस्तुओं से दूर रहना चाहिए। साथ ही पेट पर के हिस्से पर गेरू लगाना चाहिए। बहुत सी महिलाएं इस समय सिलाई बुनाई कर लेती हैं, जो कि सही नहीं है। गर्भवती महिलाओं को इस नियम का पालन अवश्य करना चाहिए।

ग्रहण के समय भोजन का सेवन करने से इसका अशुभ प्रभाव शिशु के विकास पर पड़ता है। साथ ही अगर भोजन पका लिया है तो उसमें भी कुश या तुलसी दल डाल दें, ताकि ग्रहण में भी भोजन शुद्ध बना रहे।

ग्रहण काल के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नही करना चाहिए।

ग्रहण काल में कुछ भी खाना पीना नही चाहिए।

खाने पीने की वस्तुओं में तुलसी दल या कुशा दाल देनी चाहिए ताकि ग्रहण के दौरान यह चीज़े  अशुद्ध ना हो।

ग्रहण काल में किसी भी तरीके के वाद विवाद से बचें।

ग्रहण काल में यात्रा करने से बचे।

ग्रहण काल के दौरान मंत्र जप, , सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, गुरु मंत्र जप जरुर करें।

ग्रहण काल के समाप्त होने पर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन कर पूजा करें।

ग्रहण की अशुभता को कुम करने के लिए , दान पुण्य जरुर करें।

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